Statue of Liberty के बारे में बेहद कम ही लोग होंगे जो शायद जानते न हो। दोस्तों दुनिया भर में मौजूद हर अलग देश हर अलग शहर की एक पहचान होती है ठीक वैसी ही पहचान है इस Statue of Liberty की। बड़ी सी मूर्ति एक हाथ में मशाल और दुसरे हाथ में किताब अमेरिका के न्यू यॉर्क शहर की शान है। इस पोस्ट के जरीए हम आपको इस मूर्ति से सबंधित रोचक तथ्य (statue of liberty facts) बताएँगे।
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स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी के बारे में ब्रीफ इंट्रोडक्शन
दुनिया भर में प्रसिद्ध स्टैच्यू “स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी ” का पूरा नाम “Liberty Enlightening the world” है।
इसका यह नाम रोम की देवी लिबर्टस के नाम पर रखा गया था। जो रोमन पौराणिक कथाओं के अनुसार स्वतंत्रता का प्रतीक है।
यह स्टेच्यू न सिर्फ अमेरिका का बल्कि दुनिया भर में मशहूर है। स्टैचू ऑफ लिबर्टी को स्वतंत्रता का प्रतीक कहा जाता है। यह अमेरिकी स्वतंत्रता प्रतीक है। 4 जुलाई 1776 को अमेरिका की स्वतंत्रता की स्मृति में फ्रांसीसियों द्वारा भेंट स्वरूप दिया गया था। स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी का निर्माण अमेरिका और फ्रांस दोनों ने मिलकर कराया था। इसकी नींव निर्माण अमेरिका द्वारा, तो वहीं इसके अन्य हिस्सों का निर्माण फ्रांसीसियों के द्वारा किया गया था।
तो आज हम आपको Statue of Liberty Facts के बारे में बताएंगे।
- शायद आपको पता न हो, स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी खड़ी हुई एक महिला की प्रतिमा है, जो कि स्वतंत्रता की रोमन देवी लिबर्टस का प्रतिनिधित्व करती है। इस महिला के स्टैच्यू के दाएं हाथ में मशाल है, और बाएं हाथ में 23 फीट 7 इंच लम्बा और 13 फीट 7 इंच चौड़ी एक किताब है। जिस पर JULY IV MDCCLXXVI लिखा हुआ है, जो कि 4 जुलाई 1776 को प्रदर्शित करता हैl 1776 ही वो दिन है जिस दिन अमेरिका की आजादी की घोषणा हुई थी। लेडी के इस स्टैच्यू को फ्रांस में जुलाई 1884 में बना के तैयार कर लिया गया था। फ्रांसीसी युद्धपोत ‘आईसेर’ द्वारा 17 जून 1885 को इस स्टेच्यू को न्यूयॉर्क बंदरगाह पर लाया गया था।
- स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी का डिजायन फ्रांसीसी मूर्तिकार “फ्रेडरिक अगस्त बार्थोल्दी” ने तैयार किया था। इसका निर्माण “गुस्ताव एफिल” के द्वारा किया गया था, जिसने आइफेल टावर का डिजाइन भी तैयार किया था।
- लेडी की इस मूर्ति के मुकुट पर 7 किरण हैं, जो इस दुनिया के 7 महाद्वीपों का प्रतिनिधित्व करते हैंl हर एक किरण की लंबाई 9 फीट है और उनका वजन लगभग 150 पाउंड हैl अगर कोई व्यक्ति स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के सिर तक पहुंचना चाहता है तो, उसे 354 कदम चलना पड़ेगाl मूर्ति के पैर से उसके सिर तक पहुंचने का रास्ता भी बना हुआ हैl
- 204,117 किलोग्राम की है, ये स्टेच्यू। इस स्टेच्यू के इस वजन का कारण है, इसके बाहरी ढांचे में शुद्ध तांबे का प्रयोग किया गया है ।
- स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी में अभी जो प्रतिमा देखने को मिलती है, वो बस एक कॉपी भर है। पहले ये जलती हुई मशाल के लिए जानी जाती थी। पर अब जो इसमें मशाल रखी गई है वो बस एक कॉपी है। 1984 में, मौसम में होने वाले बदलावों के कारण इसे बदलना पड़ गया था। जिससे की इसको नुकसान होने से बचाया जा सके। अगर पर्यटकों को असली मसाल देखनी है तो, उन्हें लिबर्टी संग्रहालय में जाना होगा। यहां इसे डिस्प्ले में रखा गया है।
- स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी के पाँवों में पड़ी हुई टूटी बेड़ियाँ उत्पीड़न और अत्याचार से मुक्ति को दर्शाती है। स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी के पैरों को हम ठीक से देख नही सकते। पर आपको बता दें कि, स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के जूते का नंबर 879 है। जो कि एक महिला के औसतन जूते के आकार से लगभग 98 गुना बड़ा है।
- स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी को बनने में तो लगभग 9 साल से ज्यादा का समय लगा था। पर क्या आपको पता है, कि इस मूर्ति के टुकड़े जब अमेरिका पहुंचे तो सभी हिस्सों को फिर से रीअसेंबल करने में लगभग 4 महीने का समय लग यह था। मूर्ति जुलाई 1884 में फ्रांस में बनकर तैयार हुई थी, और 17 जून, 1885 को फ्रांसीसी फ्रिगेट इसेरे पर न्यूयॉर्क हार्बर पहुंची। ट्रेवलिंग के दौरान, मूर्ति को 350 टुकड़ों में विभाजित किया गया और 214 क्रेटों में पैक किया गया।
- अमेरिका के 10 डॉलर के नोट पर स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी की फोटो छपी हुई है।
- पाकिस्तान, मलेशिया, ताइवान, चीन, और ब्राजील में भी इसका डुबलीकेट बनाया गया है।
- 28 अक्टूबर 2022 की यह मूर्ति अपना 136वा जन्मदिन मनाएगी।
नॉट:- यह लेख Aslisatya के लिए National news के संस्थापक ने लिखा है। अगर आप भी उनमे से हैं जिन्हें ख़बरों की स्टिक जानकारी बिना किसी एजेंडा के प्राप्त करनी पसंद है तो अभी National news in hindi पढ़ें।
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