रोचक तथ्य मनोविज्ञान से संबंधित | Psychology Facts in Hindi

अस्लीसत्य के इस पोस्ट के जरिए हम Psychology Facts in Hindi जानेंगे। क्या होता है इंसानी मनोविज्ञान यह समझने के लिए कुछ लोग इस सब्जेक्ट में डिग्री भी प्राप्त करते हैं। हर फील्ड में human Psychology समझना बेहद जरूरी हो चला है, क्योंकि ह्यूमन से ही सिर्फ इंडिविजुअल का ही नहीं बल्कि कइयों का फ्यूचर डिपेंड करता है। 

साइकोलॉजी फैक्ट्स इन हिंदी जानने से पहले दोस्तों हमें Psychology meaning in hindi समझना होगा। दोस्तों psychology का विष्य काफी गहरा है क्योंकि यह विषय सीधा लोगों से जुड़ा हुआ है भिन्न भिन्न सिचुएशन में इंसानी मानसिकता से जुड़ा हुआ, हम क्या सोचते हैं और कया करते हैं इससे जुड़ा हुआ है, इसीलिए Psychology Facts in Hindi जानने से पहले उसके बारे में विस्तार से जानें। दोस्तों क्या आप Bharat Ki sabse badi jhil कौन सी है, इसके बारे में जानते हैं? अगर नहीं तो इसके बारे में विस्तार से जनिए।

Table of Contents

साइकोलॉजी का क्या अर्थ है | meaning of Psychology in Hindi 

आसान भाषा में समझा जाए तो साइकोलॉजी शब्द दो शब्दों के मेल से बना है एक साइको दूसरा है लॉजी। इसमें साइको का इस्तेमाल मन अर्थात आत्मा के लिए किया जाता है और लॉजी शब्द का इस्तेमाल study से संबंधित है। 

दुनिया में मौजूद हर इंसान एक समान है, और अमूमन एक ही परिस्थिति से होकर हर इंसान गुजरता है। एक होकर भी हर इंसान अलग है, जिसका मुख्य कारण अलग सोच, हर परिस्थिति में अलग तरीके से रिएक्ट करना होता है। 

दोस्तों जैसे आधा भरा हुआ पानी का गिलास कइयों के लिए आधा खाली होता है, ठीक वैसे ही कई लोग हर परिस्थिति से निकलने के लिए भिन्न भिन्न तरीका अपनाते हैं।

जीवन के हर पढ़ाव में इंसान की सोच अलग तरह से वर्क करती है, सबसे पहले हम इसमें Child Psychology in Hindi जानेंगे और पहचानेंगे कि कैसे बच्चों के मनोविज्ञान को समझें।

चाइल्ड साइकोलॉजी क्या होता है | Child Psychology in Hindi

साइकोलॉजी में Child Psychology एक ऐसे विष्य का जिक्र करता है जिसमें हम चाइल्ड की मनोविज्ञान स्थिति पर स्टडी करते हैं। हर भिन्न चाइल्ड भी हर डिफरेंट या सेम परिस्थिति में डिफरेंट तरह से रिएक्ट करता है।

यह विषय पैरेंट्स के लिए बेहद जरूरी हो चला है, हर पैरेंट्स चाहते हैं कि उनका बच्चा डेवलप हो सके, हर क्षेत्र में आगे बढ़े। इस डेवलपमेंट में पैरेंट्स की मदद चाइल्ड साइकोलॉजी ( Child Psychology in Hindi) करता है। 

पैरेंट्स कैसे समझें चाइल्ड साइकोलॉजी | Tips for identifying Child Psychology

आज का दौर बेहद तेज़ दौड़ने वालों के इर्द गिर्द ही घूमता है, जिसके कारण आप सभी पैरेंट्स भी काम करने में व्यस्त हैं, जिसके कारण पैरेंट्स को भी खुद के लिए काफी कम समय मिलता है। लेकिन पैरेंट्स के लिए यही गुजारिश रहेगी आप यह न सोचें आपको समय नहीं मिलता खुद के लिए बल्कि आज अपने बच्चों की साइकोलॉजी समझने के लिए किया गया टाइम इन्वेस्टमेंट आपको भविष्य में फायदा ही देगा। आपको सिर्फ अपने बच्चों को समझने के लिए समय देना होगा।

बच्चों की पांच साल तक की उम्र खास कर डेवलपमेंट स्टेज होती है, हम सभी यह सोचते हैं कि बच्चें की जिंदगी 10 वीं क्लास या बाहरवीं के बाद शुरू होती है लेकिन असल में हर बच्चे का सही जीवन मां की कोख से शुरू हो जाता है। जहां वह अपनी पसंद नापसंद को डेवलप कर लेता है, उसके आस पास के लोगों से उनका व्यवहार बनता है और फिर कई चीजों में खुद की पसंद भी डेवलप करने लगते हैं। 

आगे बच्चों के साइकोलॉजी समझने के लिए कुछ टिप्स हैं जो पैरेंट्स को मदद करेंगे।

बच्चे कुछ नया सीखना चाहते हैं तो करने दें

दोस्तों बचपन की उम्र में हर बच्चे कुछ नया खेल खेल में सीखते हैं जैसे कि साइकिल चलाना, या खुद चलना। हालांकि आप पैरेंट्स में कोई साथ रहे तो बच्चों को भीतर से भरोसा रहेगा कि गिर भी गया तो मम्मी या पापा संभाल लेंगे। 

यह कई घर में देखा जाता है कि गिरने या चोट लगने के डर से बच्चों को कुछ सीखने नहीं मिलता जिसके कारण उम्र बढ़ने पर यह रोजमर्रा के स्किल्स बच्चे नहीं सीख पाते।

ऑब्जर्व करें

Child psychology समझने के लिए पैरेंट्स को बच्चों के पास लोग कौन है और बच्चों के सामने क्या करते हैं यह ऑब्जर्व करना होगा। 

दोस्तों बच्चों में ग्रेबिंग पॉवर बेहद होती है। मतलब बच्चे हर तरह की हरकतें और बातें जल्दी पकड़ते हैं। तभी कहा जाता है कि बच्चों के सामने कुछ भी गलत करने से बचें और बच्चों को ऑब्जर्व करें कि कहीं वे तो कुछ गलत दिशा नहीं जा रहें।

क्वालिटी टाइम दें

बच्चों के साथ बच्चा बनने का दोस्तों अलग ही मज़ा है। लेकिन दोस्तों 21 वीं सदी में बच्चों को पैरेंट्स की तरफ से क्वालिटी टाइम तो छोड़िए टाइम ही नहीं मिल पाता, सभी पैरेंट्स अपने लाइफ में काफी बिजी हो चले हैं हालांकि पैरेंट्स मेहनत अपने बच्चों के भविष्य को सुधारने के लिए करते हैं लेकिन अगर पैरेंट्स अपने बच्चों को आज न समझ पाए तो उनके फ्यूचर को कैसे निहार पाएंगे। 

इसीलिए अपने बच्चों को समझने के लिए पैरेंट्स को बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करना होगा। बच्चों को बेहतर तरीके से समझने के लिए खुद बच्चा हो जाएं यानी की उनके साथ खेलें। उनके साथ घूमने जाएं। 

दोष लगाने से पहले कारण ढूंढे

दोस्तों जैसे की यह हम सब समझते हैं बचपन में मानसिक रूप से कोई बच्चा विकसित नहीं होता यानी की बचपन में बच्चें के साथ जो भी हो उसको सही या गलत मान लेता है। आसान भाषा में कहा जाए तो अगर बच्चों को थोड़ा प्यार दिया जाए तो वे भी आप से प्यार करेंगे अगर गुस्सा किया जाए तो वे आपको गलत मान लेंगे।

इसीलिए पैरेंट्स को जब भी बच्चों को कुछ समझाना हो तो उन्हे इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि बच्चों को शांति से समझाया जाए। दोष लगाने से पहले उनसे बात करें और पता लगाने कि कोशिश करें।

कंपेयर न करें

बच्चे सबसे पहले पैदा होने के बाद अपने माता पिता को पहचानते हैं और पैरेंट्स भी बच्चों को खूब प्यार देते हैं लेकिन साथ में काफी उम्मीद लगा लेते हैं। हालांकि उम्मीद लगाना गलत नहीं है लेकिन उम्मीद लगाने से बच्चों पर बचपन से ही खुद को साबित करने का प्रेशर बन जाता है। 

जिसका मुख्य कारण पैरेंट्स का बच्चों को कंपेयर करना होता है। जैसे कि पढ़ाई में कंपेयर करना या किसी भी अन्य फील्ड में तूलना करना। इससे child psychology में असर पड़ता है।

दोस्तों बचपन के बाद लाइफ का फेस आता है वो है टीन एज लाइफ इनके साइकोलॉजी के रोचक तथ्य जानने के लिए आर्टिकल आगे पढ़ें।

साइकोलॉजी फैक्ट्स अबाउट टीन एज | Psychology Facts in hindi about teenager

Psychology Facts About Teenager in Hindi

दोस्तों 13 साल से 19 साल की उम्र के बीच वाले खुद को न बच्चें मानते और न ही उनके माता पिता उनको बड़ा मानते। इस उम्र के लोगों में अच्छे बुरे की पहचान न कर पाना काफी पाया जाता है, हालांकि इस उम्र में शरीर में ऊर्जा बहुत होती है। जिसका फायदा आने वाले साल में उन्हें देखने को मिलता है। अब हम इस उम्र के लोगों साइकोलॉजी सोच के रोचक तथ्यों की जानकारी बटोरेंगे। 

14 साल की उम्र सबसे खतरनाक

Teenager में सबसे खतरनाक या यूं कहें ऐसी उम्र जब सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है तो वह उम्र 14 साल की उम्र होती हैं। इस उम्र में सेक्स हार्मोन्स के एक्टिव होने के कारण शरीर में काफी बदलाव देखने को मिलते हैं। 

इस उम्र के अधिकतर बच्चों की पहली विश यही होता है की पैरेंट्स सही से बात करें

यह उम्र में हर बच्चों कि यही शिकायत रहती है कि उनके पैरेंट्स उनसे सही से बात नहीं करते। इस उम्र के बच्चों में यह इच्छा रहती है कि पैरेंट्स अब उनके माता पिता के तौर पर नहीं बल्कि एक दोस्त के तौर पर बात करें। जिनसे वे खुल कर अपनी हर बात शेयर कर सकें। 

90% लड़के तो 60% प्रतिशत लड़कियां एडल्ट होने से पहले कर लेते हैं यह काम

इस उम्र के बच्चे जल्द ही गलत चीजों में पड़ जाते हैं। जैसे की इस उम्र के बच्चे 18 साल की उम्र से पहले ही अल्कोहल पीना मामूली बात मानते हैं। यहां तक की एक Teenage पर किए गए सर्वे में बच्चों ने माना कि वह कम से कम एक बार पोर्न देख चुके हैं। 

5 घंटे इंटरनेट पर बिताते हैं टीनएजर

Teenager बच्चों का ज्यादातर समय आज के वक्त इंटरनेट पर बीतता है। इंटरनेट यूं तो सभी के लिए सहूलियत के लिए बना था किंतु टीनेजर बच्चे इसका ज्यादातर इस्तेमाल मौज मस्ती के लिए करते हैं। 

Teenager को म्यूजिक पसंद है

साइकोलॉजिस्ट ने अपने शोध में यह पाया है कि teenager बच्चों में म्यूजिक काफी पसंद किया जाता है, बच्चे म्यूजिक से हर चीज जल्दी सीखते हैं। तभी पाया जाता है कि साइंस सब्जेक्ट में पीरियोडिक टेबल को याद कराने के लिए भी म्यूजिक का ही सहारा लिया जाता है। 

दोस्तों टीनेज उम्र जीवन का वह पढ़ाव है जब लड़का लड़की जवानी की तरफ बढ़ने लगते हैं और प्यार में भी जल्दी आ जाते हैं। आगे हम इसी शब्द यानी प्यार के बारे में साइकोलॉजी फैक्ट्स जानेंगे।

प्यार के बारे में साइकोलॉजी फैक्ट्स | Psychology Facts in Hindi love

Psychology Facts in Hindi love

दोस्तों प्यार दुनिया का सबसे खुशनुमा एहसास है। दिल में हमेशा एक खुशी रहती है कि आपको दुनिया में कोई चाहने वाला भी है, जिनके लिए आप कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। प्यार जरूरी नहीं अपने प्रेमी या प्रेमिकाओं से ही हो किसी से भी आप प्यार करते हैं या कर सकते हैं। 

प्यार होने पर इंसान में काफी कुछ चेंज आते हैं जिसके रोचक तथ्य जानेंगे तो आप भी हैरान हो जाएंगे प्यार में कया क्या बदलाव आते हैं अगर आप में भी वह बदलाव आ रहे हैं तो समझ जाइए आपको भी किसी से प्यार है।

धीरे धीरे चलने से प्यार बढ़ता है

दोस्तों प्यार में पड़े हुए व्यक्ति हमेशा जब भी एक दूसरे के साथ होते हैं तो वह हर कार्य धीरे धीरे करना ही पसंद करते हैं। क्योंकि इससे उन्हें एक दूसरे के साथ ज्यादा समय मिल जाता है। ऐसा अमूमन पाया जाता है।

सुंदर शरीर से कोई फर्क नहीं, चाहिए सुंदर चेहरा

प्यार के बारे में बहुत कुछ कहा जाता है कुछ प्यार को एक अनोखा एमहसास तो बताते ही हैं किंतु साथ ही साथ यह भी मानते हैं कि प्यार अंधा होता है। वे अच्छा बुरा नहीं सिर्फ अपने प्यार को देखते हैं। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि अमूमन प्यार व्यक्ति के व्यक्तित्व से होता है लेकिन अधिकांश प्यार करने की उम्र में लोग व्यक्ति की बाहरी सुंदरता पर आकर्षित होते हैं। लेकिन यह प्यार नहीं यह आकर्षण मात्र lust है।

45 प्रतिशत फैल जाती है आंखो की पुतलियां

अगर कोई व्यक्ति प्यार में होता है तो वे अपने पास जब भी अपने प्रेमी या प्रेमिका को देखते हैं तो उनकी आंखों की पुतलियां 45 पर्सेंटेज फैल जाती है। 

आंखों के बारे में रोचक तथ्य जानने के लिए आप यह Facts about Eyes in Hindi पढ़ सकते हैं।

काम करने की क्षमता हो जाती है कम

प्यार में पड़ा हुआ व्यक्ति अक्सर अपने प्रेमी प्रेमिका के बारे में ही सोचते रहते हैं जिसके कारण वे अपने हिस्से का काम अपनी क्षमता अनुसार नहीं कर पाते। इसका सबसे बेहतरीन उदहारण पॉपुलर टीवी सीरियल “तारक मेहता का उल्टा चश्मा” में भी दिया गया है जब बाघा को बावरी से प्यार हो जाता है। 

प्यार में पड़ने वालों की उम्र होती है इतनी

दोस्तों जब भी कोई लड़का या लड़की अपने जीवन 18 वें साल में कदम रखते हैं तो उनमें नए नए जवान होने का एक अलग ही जोश छाया हुआ होता है, यही उम्र होती है जब वे आसानी से किसी के आकर्षण में आ जाते हैं। 

दोस्तों अभी तक हमने उम्र के दो महत्वपूर्ण पढ़ाव के साइकोलॉजी फैक्ट्स जानें अब हम 10 Psychology Facts in Hindi जानेगें।

ह्यूमन के साइकोलॉजी फैक्ट्स | Psychology Facts in Hindi about human

1. आपके पैदा होने के एक साल तक आपके माता पिता आपके देखभाल में तकरीबन 500 घंटे की नींद खो देते हैं।

2. ह्यूमन साइकोलॉजी से यह भी पता चलता है कि हर व्यक्ति उसी काम में खुद की तारीफ ज्यादा सुनना चाहता है असल में उनको वह काम नहीं आता होता।

3. दर्द में हैं तो पेन किलर दवा लेने से बेहतर है जिसे चाहते हो उससे गले लग जाओ, अच्छा महसूस करेंगे।

4. जब व्यक्ति खुशी के आंसू रोता है तो उसके आंसू पहले दाहिने साइड की आंख से गिरते हैं और गम में आंसू बाएं आंख से गिरते हैं। 

5. व्यक्ति का नेचर कभी बदलता नहीं, जो व्यक्ति आपके सामने किसी की बुराई कर रहा है तो वो जरूर आपकी बुराई किसी दूसरे के सामने करता होगा/होगी। 

6. शादी का लड्डू जो खाए वह पछताए और जो न खाए वे भी पछताए यह साइकोलॉजी में सिद्ध साबित हुई है क्योंकि यह पाया जाता है जब तक व्यक्ति कुंवारे होते हैं तब उन्हें शादीशुदा लोग खुश लगते हैं और जब शादीशुदा हो जाते हैं तब कुंवारापन अच्छा लगता है।

7. व्यक्ति का डिप्रेस्ड होने का मुख्य कारण किसी का प्यार न मिलना होता है। 

8. साइकोलॉजी में यह भी पाया गया है कि अच्छी न्यूज कम बिकती है लेकिन किसी की बुराई मार्केट में जल्दी फैल जाती है। तभी Fake news जल्दी नजर में आती है।

9. अगर किसी से सिर्फ सच्चाई सुननी हो तो देर रात को बात करें क्योंकि रात को दिमाग थका हुआ होता है इसीलिए क्या बोलना है क्या नहीं यह सोच नहीं पाता है।

10. एक अध्ययन में यह पाया गया है कि ज्यादातर व्यक्ति दिन का 30% समय केवल कल्पना करने में लगा देते हैं। तो मात्र कल्पना मत करिए अगर कुछ बेहतर करने का ख्याल है तो कर डालिए। 

दोस्तों यह थे 10 Psychology Facts in hindi उम्मीद है आपको यह लेख पसंद आया होगा ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट पर आते रहें। 

धन्यवाद।

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